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कोरोना वायरस से बचने हेतु अपील

कार्यालय श्री शिव प्रकाश सिंह उ0मा0वि0 नगांव सोनभद्र           अपील प्यारे छात्र-छात्राओं      हम सब आपके अभिभावक माता-पिता हैं हम सबसे बड़ा आपका कोई शुभचिंतक नहीं हो सकता आप अवगत हैं कि कोरोना वायरस से पूरे देश को मिलकर लड़ाई लड़नी है।       माननीय प्रधानमंत्री जी ने स्वयं को आह्वाहन किया है एंव सहयोग माँगा है अतः हम सब आप से अपील करते है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी बच्चे अपने-अपने घरों एवं हॉस्टल अथवा जहाँ पर हों वही रहे। ट्रेन बस हवाई जहाज या किसी भी तरह के भीड़ वाले सार्वजनिक वाहनों/साधनों से यात्रा न करें। इस प्रकार के साधनों से यात्रा करने पर भी वायरस व्यापक रुप से फैलता है।     अतः आपसे पुनःअपील है कि प्यारे छात्रों घर हॉस्टल या जहाँ भी हैं वहीं सुरक्षित रहें एवं इस भयानक महामारी संक्रमण कोरोना वायरस से देश की लड़ाई मे सहयोग करें। अभिभावक/शिक्षक श्री शिव प्रकाश सिंह  हाईस्कूल नगांव, सोनभद्र

SSPSHS helpline no.

Helpline No. of SSPSHS.Nagaw Alok Kumar Singh    8005007800 Anil Kumar Singh    7007687575 Amresh Chandra Pandey 6306291023 Dvigvijay Singh Patel 8084811404, 6386992660 Indra Bahadur Singh 6306986996, Kumar Gaurav Shrivastav 8172978078, 7376907822 Vijay Kumar Prajapati 9532921210

संत रविदास जयंती विशेष

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रविदास भारतीय कवि और 16वीं सदी के दक्षिण भारतीय गुरू जन्म 1398 मृत्यु 1540 सतगुरु रविदास जीभारत के उन चुनिंदा महापुरुषों में से एक हैं जिन्होंने अपने रूहानी वचनों से सारे संसार को एकता, भाईचारा पर जोर दिया। आप जी की अनूप महिमा को देख कई राजे और रानियां आपकी शरण में आए। आप ने जीवन भर समाज में फैली कुरीति जैसे जात पात के अंत के लिए काम किया। आप के सेवक आप को "" सतगुरु"", ""जगतगुरू"" आदि नामों से सत्कार करतहैं। आप ने अपनी दया दृष्टि से करोड़ों लोगों का उद्धार किया जैसे मीरा बाईसिकंदर लोधी राजा पीपा राजा नागरम। रैदास ने ऊँच-नीच की भावना तथा ईश्वर-भक्ति के नाम पर किये जाने वाले विवाद को सारहीन तथा निरर्थक बताया और सबको परस्पर मिलजुल कर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया। वे स्वयं मधुर तथा भक्तिपूर्ण भजनों की रचना करते थे और उन्हें भाव-विभोर होकर सुनाते थे। उनका विश्वास था कि राम, कृष्ण, करीम, राघव आदि सब एक ही परमेश्वर के विविध नाम हैं। वेद, कुरान, पुराण आदि ग्रन्थों में एक ही परमेश्वर का गुणगान किया गया है। उनके...

Happy Republic day (DV Singh)

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71वां गणतन्त्र दिवस 2020

Republic Day 2020:  भारत में हर साल 26 जनवरी (26 January) को गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है.. इस साल देश 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. दरअसल, 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ, जिसके उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. डॉ. भीमराव अंबेडकर (B. R. Ambedkar) ने संविधान को दो साल, 11 महीने और 18 दिनों में तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया था. आपको बता दें कि हमारा संविधान विश्‍व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है. इसे बनाने वाली संविधान सभा के अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर थे, जबकि जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे. गणतंत्र दिवस का इतिहास गणतंत्र दिवस का इतिहास (Republic Day History) बड़ा ही रोचक है. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवंबर 1949 को भार...

High school board examination 2020 Sports & Physical Education Compulsary

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Viswa Hindi divas 10 January विस्व हिंदी दिवस 10 जनवरी

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विश्व हिन्दी दिवस  प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में  हिन्दी  के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में  भारत  के  दूतावास  इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को  नागपुर  में आयोजित हुआ था इसीलिए इस दिन को 'विश्व हिन्दी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। [1] विश्व हिन्दी दिवस का उद्देश्य विश्व हिन्दी दिवस का उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना, हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना, हिन्दी के लिए वातावरण निर्मित करना, हिन्दी के प्रति अनुराग पैदा करना, हिन्दी की दशा के लिए जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है। ...